Uncategorized

शत्रुओं से लाभ का योग

क्या ऐसे योग भी होते है जो दिलाते है शत्रुओं से लाभ ??

—————————–

जी हाँ कभी-कभी शत्रुता लाभ भी दे जाती है, वो लाभ होता है धन का। 

कई बार आपने सुना होगा कि किसी व्यक्ति विशेष के लिये कहावतें प्रचलित हो जाती है कि उससे शत्रुता नही करना वरना हानि आपको ही होगी। जैसे आपने उस व्यक्ति विशेष के लिये कोई अनर्गल दुष्प्रचार कर दिया और उसने मान हानि का दावा कर दिया और आपको माफ़ीनामा व हर्ज़ाने के साथ उसे धन देन पड़ गया। 

ऐसे अनेक उदाहरण है जहाँ व्यक्ति के साथ शत्रुता करना पड़ जाता है भारी और सामने वाले जातक को लाभ हो जाता है। 

1. षष्ठ भाव व मंगल से शत्रु का विचार किया जाता है। षष्ठेश या मंगल बलवान द्वितीयेश पर या द्वितीय भाव पर दृष्टि संबंध बनाता है और लग्नेश बली होता है तो शत्रु से धन लाभ होता है। 

2. यदि षष्ठेश, नवमेश में शत्रुता हो और वो नवम भाव मे हो तो भी शत्रु से धन लाभ को दर्शाता है। 

3. षष्ठेश द्वितीयेश की युति केंद्र या त्रिकोण में हो और वह शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो भी शत्रु से धन लाभ होता है। 

अब उपरोक्त योगो में सम्पूर्ण कुंडली के विश्लेषण के बाद ही यह आंकलन संभव है कि यह योग कब फलित होंगें और किन परिस्थितियों में होगें। क्योंकि यह योग अधिकांशत: कोर्ट कचहरी, वाद विवाद व किसी न किसी प्रकार की कानूनी प्रक्रियाओं में भी लेकर जाते है। लग्न व लग्नेश बली नहीं हुए तो फलित नही होते। मंगल का बली होना भी इस योग में नितांत आवश्यक है। 

-श्रुति आरोहन-तरुणा

(रुद्राक्ष, पारद शिवलिंग, जाप माला, यंत्र व जाप, पूजा पाठ के लिये आप हमसे सम्पर्क कर सकते है मैसेज़ ड्रॉप करके) 

Whatsapp no- ‭70236 44907‬

‭(Paid Consultancy) ‬

Contact Time-9:00 AM to 6:00 PM 

सम्पर्क के लिये मैसेज़ ड्रॉप करें। सीधे कॉल पे वार्तालाप स्वीकार नहीं होगी।

जय श्री कृष्णा 😊🙏🏼🙏🏼

Pic Courtesy-Google

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *